मुसलमान लोग अपनी बहन से शादी नहीं करते हैं। इस्लाम में, सगी बहन से शादी करना हराम (अनुचित) माना जाता है। कुरान के अनुसार, ऐसे रिश्तेदार जिनसे शादी करना मना है, उनमें सगी बहन भी शामिल है।
हालांकि, इस्लाम में चचेरी बहन से शादी की अनुमति है। कुरान के अनुसार, चचेरी बहन से शादी करना जायज है।
मुसलमानों में चचेरी बहन से शादी करने की प्रथा कुछ देशों में ज्यादा प्रचलित है, जैसे कि पाकिस्तान, तुर्की, और अरब देशों में। इन देशों में, चचेरी बहन से शादी को सामाजिक रूप से स्वीकार्य माना जाता है।
चचेरी बहन से शादी करने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताएं: कुछ मुस्लिम देशों में, चचेरी बहन से शादी को एक सामाजिक और पारंपरिक मान्यता माना जाता है। इन देशों में, चचेरी बहन से शादी को परिवार और समुदाय के लिए एक सम्मानजनक बात माना जाता है।
- सामाजिक और आर्थिक कारण: कुछ मामलों में, चचेरी बहन से शादी को सामाजिक और आर्थिक कारणों से भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर एक परिवार में लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या से ज्यादा है, तो उस परिवार में चचेरी बहन से शादी को एक विकल्प के रूप में देखा जाता है।
- धार्मिक कारण: कुछ मुसलमान विद्वानों का मानना है कि चचेरी बहन से शादी करने से परिवार के भीतर संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
हालांकि, चचेरी बहन से शादी करने के कुछ स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी हैं। चचेरी बहन से शादी करने से बच्चों में जन्मजात विकारों का खतरा बढ़ सकता है।