यह एक जटिल प्रश्न है जिसका कोई आसान उत्तर नहीं है। रामायण के अनुसार, सीता माता ने अपने पतिव्रत का परिचय देने के लिए पृथ्वी की गोद में प्रवेश किया था। कुछ लोगों का मानना है कि इस प्रकार सीता माता का शरीर नष्ट हो गया और अब वह केवल एक आत्मा के रूप में मौजूद हैं। अन्य लोगों का मानना है कि सीता माता का शरीर अभी भी पृथ्वी के गर्भ में सुरक्षित है।
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि सीता माता का शरीर किस स्थिति में था जब उन्होंने पृथ्वी की गोद में प्रवेश किया था। यदि उनका शरीर जीवित था, तो यह संभव है कि वह अभी भी पृथ्वी के गर्भ में सुरक्षित है। यदि उनका शरीर मृत था, तो यह संभव है कि वह सड़ गया हो या नष्ट हो गया हो।
इस प्रश्न का एक अन्य पहलू यह है कि क्या पृथ्वी का गर्भ एक भौतिक स्थान है या यह केवल एक रूपक है। यदि पृथ्वी का गर्भ एक भौतिक स्थान है, तो यह संभव है कि सीता माता का शरीर अभी भी उस स्थान पर मौजूद हो। यदि पृथ्वी का गर्भ केवल एक रूपक है, तो यह संभव है कि सीता माता का शरीर अब केवल एक आध्यात्मिक संस्थान के रूप में मौजूद हो।
अंततः, यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि वह सीता माता के शरीर के बारे में क्या विश्वास करता है। कोई भी उत्तर सही या गलत नहीं है। यह एक विश्वास का प्रश्न है।