अयोध्या में राम मंदिर इसलिए बना क्योंकि हिंदू धर्म के अनुयायियों का मानना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। राम को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। रामायण महाकाव्य में,
राम को एक आदर्श राजा और पति के रूप में चित्रित किया गया है।
रामायण के अनुसार, भगवान राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर में हुआ था। दशरथ ने अपने तीन पत्नियों को वरदान दिया था कि उन्हें एक-एक पुत्र होगा। जब राम के जन्म के बाद, दशरथ ने अपने बड़े बेटे,
भरत को राजा घोषित किया। लेकिन, राम के सौतेले भाई, रावण ने राम को सिंहासन से हटाने के लिए एक साजिश रची।
रावण ने राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया। राम ने सीता को बचाने के लिए एक सेना बनाई और
रावण से लड़ाई लड़ी। राम ने रावण को हराया और सीता को वापस पाया। राम ने अयोध्या लौटकर भरत को सिंहासन सौंप दिया और वनवास में चले गए।
राम के अयोध्या लौटने पर, हिंदू धर्म के अनुयायियों ने उनके स्वागत में एक भव्य मंदिर का निर्माण किया। यह मंदिर राम के जन्म और उनके जीवन के अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं को समर्पित था।
राम मंदिर अयोध्या के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है।
राम मंदिर के निर्माण के बारे में कुछ अन्य कहानियां भी हैं। एक कहानी के अनुसार, राम के पिता, दशरथ ने
राम के जन्म के बाद एक मंदिर का निर्माण करने का वादा किया था। एक अन्य कहानी के अनुसार, भगवान राम ने स्वयं मंदिर के निर्माण का निर्देश दिया था।
राम मंदिर का निर्माण कई शताब्दियों से जारी रहा। 20वीं शताब्दी में, मंदिर को एक राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया गया। हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने मंदिर के लिए दावा किया। इस विवाद ने कई दशकों तक जारी रहा।
2019 में, भारत की सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर के निर्माण के लिए फैसला सुनाया। मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ और 2023-2024 में पूरा होने की उम्मीद है।