ज्यादातर लोग रात में overthinking करते हैं क्योंकि उस समय वे दिनभर के कामों से मुक्त होते हैं और उनके पास अपने विचारों पर ध्यान देने का समय होता है। दिन में, हम अक्सर अपने काम, परिवार और दोस्तों के साथ व्यस्त रहते हैं, जिससे हमारे पास अपने विचारों पर ध्यान देने का समय नहीं होता है। रात में, जब हम आराम करते हैं, तो हमारे दिमाग को शांत होने और विचार करने का समय मिलता है।
रात में overthinking करने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
चिंता: चिंता एक सामान्य मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो अक्सर रात में होती है। चिंता से ग्रस्त लोगों को अक्सर अपने विचारों को नियंत्रित करने में मुश्किल होती है, और वे अक्सर नकारात्मक और चिंताजनक विचारों में फंस जाते हैं।
तनाव: तनाव भी रात में overthinking का एक आम कारण है। तनाव से ग्रस्त लोगों को अक्सर अपने
विचारों को शांत करने में मुश्किल होती है, और वे अक्सर अपने भविष्य या वर्तमान स्थितियों के बारे में चिंतित होते हैं।
नींद की कमी: नींद की कमी भी overthinking का एक कारण हो सकती है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते
हैं, तो हमारे दिमाग अधिक सक्रिय हो जाते हैं और हम नकारात्मक विचारों में फंस सकते हैं।
कुछ व्यक्तिगत कारण: कुछ लोगों को रात में overthinking करने की प्रवृत्ति होती है, भले ही वे चिंता, तनाव या नींद की कमी से ग्रस्त न हों। यह प्रवृत्ति कुछ व्यक्तिगत कारणों से हो सकती है, जैसे कि अनुवांशिकी या बचपन के अनुभव।
रात में overthinking से निपटने के लिए कुछ तरीके हैं, जिनमें शामिल हैं:
सकारात्मक सोच: रात में नकारात्मक विचारों में फंसने से बचने के लिए, सकारात्मक सोच पर ध्यान दें। अपने विचारों को नियंत्रित करने के लिए, अपने आप से सकारात्मक प्रश्न पूछें, जैसे कि “मैं आज दिन में क्या अच्छा किया?” या “मैं अपने भविष्य के लिए क्या उत्साहित हूं?”
अपने विचारों को लिखें: अपने विचारों को लिखना उन्हें बाहर निकालने और उन्हें अधिक स्पष्ट रूप से देखने का एक अच्छा तरीका है। अपने विचारों को लिखने से आपको उन्हें बेहतर ढंग से समझने और उनका सामना करने में मदद मिल
सकती है।
व्यायाम करें: व्यायाम चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है, जो overthinking को कम कर सकता है। दिन में या शाम को व्यायाम करने से रात में बेहतर नींद आ सकती है, जिससे overthink करने की संभावना कम हो सकती है।
नींद के नियमों का पालन करें: नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है। हर रात 7-8 घंटे की नींद लेने का लक्ष्य रखें। सोने से पहले अपने कमरे को शांत और अंधेरा रखें, और सोने से पहले कैफीन और शराब से बचें।
यदि आप रात में overthinking से जूझ रहे हैं, तो एक चिकित्सक या मनोचिकित्सक से बात करना मददगार हो सकता है। वे आपको overthinking के कारणों को समझने और इसे प्रबंधित करने के तरीकों को विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
🌻 सोने का सही तरीका 🌻
✒️ गलत दिशा में पैर करके सोने से सिर दर्द, मानसिक संताप, डिप्रेशन, तनाव , हाई BP जैसी बीमारियां होती हैं, मरीज जीवन भर दवा खाता है लेकिन ठीक नही होता, सबसे पहले अपने जीवन में की जाने वाली छोटी छोटी गलतियों को सुधारें।
✍ ऋषि पतंजलि और वाग्भट्ट जी लिखते हैं की कभी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नही सोना चाहिए।
वैज्ञानिक कारण :
पृथ्वी के दो ध्रुव होते हैं नार्थ पोल और साउथ पोल उसी के अनुसार चुम्बक में भी दो ध्रुव होते हैं कभी दो चुम्बक आपस मैं मिलाओ साउथ पोल और नार्थ पोल आपस में नही मिलते जबकि नार्थ पोल साउथ पोल से मिल जाता है हमारे शरीर में सिर उत्तर होता है और पैर दक्षिण इसे आप किसी नक़्शे से भी समझ सकते हैं।
अब अगर हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं तो शरीर का नार्थ पोल और पृथ्वी का नार्थ पोल आपस में प्रतिकर्षण बल पैदा करेंगे जिसके फलस्वरूप हमारा ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होगा, जब रक्त संचार अनियंत्रित होगा तो सबसे पहले हमारे ह्रदय और पैंक्रियाज पर उसका असर आएगा फलस्वरूप हार्ट प्रॉब्लम और शुगर प्रॉब्लम हमारे ऊपर अटैक करेंगी।
प्राचीन समय में आम जन मानस को इतनी गूढ़ बातें यदि समझाई जाती तो उन्हें कुछ समझ न आती सो सीधा सीधा बता दिया गया कि दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है अतः उस ओर पैर करके नही सोना चाहिए।
आज हम तार्किक हो गए हैं, हर बात हर नियम को तर्क पर तौलते हैं, लेकिन यदि सही जानकारी न मिले तो उन प्रथाओं को बेकार घोषित कर देते हैं, लेकिन किसी भी निष्कर्ष में पहुंचने से पहले किसी परंपरा के मूल में जाना चाहिए, उसके विषय में जानकारी करनी चाहिए।
बिना जाने समझे अपनी अल्प-बुद्धि से कुछ भी निर्णय नही करना चाहिए।
आयुर्वेद + वास्तु + ज्योतिष = स्वस्थ जीवन।।
।।जय श्री हरि।।
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