आग लगने पर आपको तुरंत उस जगह से हट जाना है जहां पर आग लगी है। आपके जो भी समान है वहीं छोड़ दे और सबसे पहले खुद को बचाएं। इसके बाद 911 पर आपको फोन कॉल करने हैं। अगर आप किसी बिल्डिंग या ऑफिस में फंस गए हैं तो तुरंत अपनी फायर अलार्म सक्रिय करें जहां पर आग लगी है। अगर वहां मिट्टी, कीचड़, कंबल आदि हैं तो उनका इस्तेमाल करें और उसके चारों तरफ ड्राई पाउडर छिड़के।
अगर कोई जल गया है तो तुरंत उसे ठंडे पानी मे 3 से 5 मिनट तक रखें। साफ सूखे कपड़े से ढके। जले हुए स्थान पर बर्फ या बर्फीला पानी बिल्कुल भी ना लगाए और जितना जल्दी हो सके चिकित्सा की सहायता लें। जहां पर आग लगती है वहांअग्निशमन दल को बुलाना चाहिए। बुलाने के लिए 101 या 112 नंबर डायल करें। घर में कोशिश करें कि बेवजह रद्दी व कचरा ना रखें।
खेत खलिहानों में भी सूखी घास, लड़कियां आदि महफूज जगह पर ही रखनी चाहिए। जब आग लगी हो तब लिफ्ट के बजाय सीढ़ी का उपयोग करें। घटनास्थल पर भीड़ न होने दें। इससे फायर ब्रिगेड को काम करने में परेशानी होगी। फालतू में चिल्ला कर या शोर शराबा ना करें। अगर घर में है तो आप बैठ जाएं या लेट जाएं। अगर बिजली के तारों या शार्ट सर्किट की वजह से लग गई है तो पानी का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें। इससे इलेक्ट्रिक फैलने का डर रहता है।
आग लगने पर तुरंत बिजली का main स्विच बंद कर दें क्योंकि तार से करंट जल्दी फैलता है। जहां पर आग लगी है उसके पास की चीजों को हटाने की कोशिश करें क्योंकि उनसे आग और जल्दी फैलती है। समय-समय पर आपके भवन में लगे फायर अलार्म स्मोक डिटेकटर पानी के स्रोत सिस्टम आदि की जांच करते रहें। बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों को साल में दो बार डेमो द्वारा फायर इंस्ट्रूमेंट उपयोग करने चाहिए और इसकी जानकारी भी देनी चाहिए।
घर ऑफिस में स्मोक डिटेक्टर लगाने चाहिए। AC, फ्रिज, कंप्यूटर, टीवी, टुल्लू पंप, जैसी आइटमों के लिए पावर स्विच लगवाना चाहिए। अगर कुछ अजीब सी आवाज इन मशीनों से आए तो उसे मशीन को तुरंत बंद कर । पहले एंबुलेंस को फोन करें। थोड़ा या ज्यादा जलने पर ठंडे पानी का कपड़ा जख्मों पर रख दे। इससे जलन कम लगेगी। जले हुए स्थान पर हल्दी या टूथपेस्ट बिल्कुल भी ना लगाए। इससे घाव ठीक नहीं होता है और फफोले बनने का डर बना रहता है। डॉक्टर को इलाज करने में भी परेशानी होती है।