सर्दियों का मौसम आते ही हमारे सामने कई खुशियां आती हैं – गरमागरम स्वेटर, आग का जलवा, क्रिसमस की जिंगल-बेल… लेकिन ये मौसम हमें कुछ तकलीफें भी लाता है, जिनमें से एक है विंटर वॉमिटिंग बग या पेट का फ्लू |
ये एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ आपको थकान से भर देती है, बल्कि खाने-पीने की चाहत भी भगा देती है. पेट में मितली, उल्टी, डायरिया और लगातार आने वाली ऐंठन, ये सब मिलकर हमें परेशान कर देते हैं|
लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! आज के इस आर्टिकल में हम इसी विंटर वॉमिटिंग बग के बारे में विस्तार से बात करेंगे. हम जानेंगे कि ये कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या होते हैं, और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए|
साथ ही, हम देखेंगे कि अगर आप इस बग के शिकार हो ही गए हैं तो इसका इलाज कैसे करें, कुछ घरेलू उपाय आपके काम आ सकते हैं और डॉक्टर आपको कौन सी दवाएं दे सकते हैं. तो चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं और सर्दियों के इस छोटे से दुश्मन को अच्छे से समझते हैं|
लक्षण:
- अचानक उल्टी आना
- डायरिया (पतला पानी जैसा मल)
- मितली
- पेट में ऐंठन
- कभी-कभी बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द भी हो सकता है.
ये लक्षण आमतौर पर 12 से 48 घंटों के बीच रहते हैं और बिना किसी इलाज के ही ठीक हो जाते हैं|
विंटर वॉमिटिंग बग या पेट का फ्लू कैसे फैलता है?
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से – छींकने, खांसने, या हाथ मिलाने से|
- दूषित सतहों को छूने और फिर मुंह लगाने से|
- दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से|
विंटर वॉमिटिंग बग से बचाव के लिए क्या करें?
- बार-बार और अच्छे से हाथ धोएं, खासकर शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद, खाने से पहले और बाद में, और किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद|
- सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोएं|
- सुरक्षित पानी पिएं|
- बीमार व्यक्ति के आसपास से परहेज करें|
- अगर आप बीमार हैं तो आराम करें और काम पर या स्कूल में न जाएं|
इलाज:
- खास दवाइयों की जरूरत नहीं होती|
- सबसे जरूरी है शरीर में पानी की कमी न होने देना|
- हल्के तरल पदार्थ जैसे सूप, छाछ, पानी, नारियल पानी आदि पिएं|
- ठोस खाना खाने से परहेज करें, इससे उल्टी हो सकती है.धीरे-धीरे दही, केला, टोस्ट जैसे हल्के भोजन से शुरुआत करें|
- आराम करें और भरपूर नींद लें|
कब डॉक्टर से परामर्श करें?
- अगर उल्टी या डायरिया 24 घंटे से ज्यादा जारी रहे|
- अगर शरीर में गंभीर कमजोरी महसूस हो रही हो|
- अगर खून का मल आ रहा हो|
- अगर तेज बुखार हो या गर्दन में अकड़न हो|
- अगर 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को ये लक्षण हों|
- अगर बुजुर्गों को ये लक्षण हों|
- अगर गर्भवती महिलाओं को ये लक्षण हों|
घरेलू उपचार:
- अदरक का रस:अदरक में एंटी-इमेडिक गुण होते हैं जो मितली और उल्टी को कम करने में मदद करते हैं. एक छोटे टुकड़े को कद्दूकस करके उसका रस निकाल लें और थोड़ा शहद मिलाकर पिएं|
- पुदीना की पत्तियां:पुदीना का पानी बनाने के लिए कुछ पत्तियों को पानी में उबालें और ठंडा करके पिएं. ये पेट को शांत करने में मदद करता है|
- जीरा पानी:जीरा पानी एंटी-स्पاسمोडिक होता है जो पेट की ऐंठन को कम करने में मदद करता है. आधा चम्मच जीरा एक गिलास पानी में उबालें और ठंडा करके पिएं|
- लौंग का काढ़ा:लौंग पेट को आराम देने में मदद करता है. 4-5 लौंग को पानी में उबालें और छानकर पिएं|
- अजवाइन का पानी:अजवाइन पाचन क्रिया को बढ़ाता है. आधा चम्मच अजवाइन एक गिलास पानी में उबालें और छानकर पिएं|
- लसी का रस:तुलसी एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों वाली होती है. कुछ तुलसी के पत्तों को चबाएं या पानी में उबालकर पिएं|
एलोपैथिक दवाएं:
- डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं जैसे पैरासिटामोल बुखार के लिए, जस्ता और इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए|
- गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है|
इलाज के दौरान किन चीजों से परहेज करें?
- फैटी, तले-भुने और मसालेदार भोजन|
- कैफीन और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ|
- दूध और डेयरी उत्पाद (कुछ लोगों को इनसे पेट खराब हो सकता है)|
- शराब और सिगरेट|
ध्यान रखें:
- अगर उल्टी या डायरिया 24 घंटे से ज्यादा जारी रहे, शरीर में कमजोरी महसूस हो, खून का मल आ रहा हो या तेज बुखार हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें|
- साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.हाथ बार-बार धोएं और दूसरों से संपर्क कम से कम करें|
ये सिर्फ जानकारी के लिए हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना न करें| मुझे उम्मीद है ये जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी. सर्दी के मौसम में सावधान रहें और सुरक्षित रहें|