प्रॉपर्टी कानून में, पाक 11, भारतीय राजस्व अधिनियम, 1873 की धारा 11 को संदर्भित करता है। यह धारा, भूमि के स्वामित्व का निर्धारण करने के लिए एक प्रक्रिया प्रदान करती है।
धारा 11 के अनुसार, यदि किसी विशेष धारक के स्वामित्व के संबंध में कोई प्रश्न उत्पन्न होता है, जो सक्षम न्यायालय द्वारा निर्धारित नहीं किया गया है, तो सक्षम प्राधिकारी पाक 11 के तहत पूछताछ कर सकता है।
सक्षम प्राधिकारी, जो धारा 11 के तहत पूछताछ करता है, वह निम्नलिखित कार्य कर सकता है:
- वह संबंधित पक्षों से सुनवाई कर सकता है।
- वह गवाहों को बुला सकता है और उनसे पूछताछ कर सकता है।
- वह दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए आदेश दे सकता है।
सक्षम प्राधिकारी, पूछताछ के आधार पर, निम्नलिखित निर्णय ले सकता है:
- वह यह निर्धारित कर सकता है कि क्या प्रश्न उत्पन्न हुआ है।
- वह यह निर्धारित कर सकता है कि प्रश्न किस भूमि के संबंध में उत्पन्न हुआ है।
- वह यह निर्धारित कर सकता है कि प्रश्न किस धारक के स्वामित्व के संबंध में उत्पन्न हुआ है।
धारा 11 के तहत पूछताछ की प्रक्रिया, एक सरसरी तौर पर की जाती है। सक्षम प्राधिकारी को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि क्या प्रश्न उत्पन्न हुआ है और प्रश्न किस भूमि के संबंध में उत्पन्न हुआ है। यदि सक्षम प्राधिकारी यह निर्धारित करता है कि प्रश्न उत्पन्न हुआ है, तो वह प्रश्न को सक्षम न्यायालय को भेज सकता है।
धारा 11 का उपयोग, अक्सर, भूमि के स्वामित्व के विवादों को हल करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी भूमि के स्वामित्व का दावा करते हैं, तो वे धारा 11 के तहत पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
धारा 11 के तहत पूछताछ की प्रक्रिया, एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो भूमि के स्वामित्व के विवादों को हल करने में
मदद कर सकती है।
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