आइए, हम जाँचते हैं कि जापान में भूकंपों की इतनी अधिकता का कारण क्या है और उसके साथ ही देखते हैं कि उन्होंने इस समस्या का सामना करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं।
जापान में अन्य देशों की तुलना में प्रति वर्ष अधिक संख्या में भूकंप होने का कारण है कि जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में स्थित है, जो दुनिया के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में, पृथ्वी की पपड़ी में कई प्लेटें एक-दूसरे के नीचे खिसक रही हैं, और जब ये प्लेटें टकराती हैं, तो भूकंप होता है।
जापान में, तीन प्रमुख प्लेटें एक-दूसरे के साथ टकराने से भूकंप आते हैं:
1. प्रशांत प्लेट: यह प्लेट उत्तरी अमेरिका और एशिया की महाद्वीपीय प्लेटों के संघर्ष क्षेत्र में स्थित है और जापान के भूमंडलीय संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके संघर्ष क्षेत्र से उत्पन्न ऊर्जा की रिलीज के कारण, यह एक सक्रिय तथा अस्थायी भूकंपों का केंद्र है।
2. फिलिपींस प्लेट: यह प्लेट प्रशांत प्लेट के नीचे खिसकता है और जापान को भूकंपों की अधिक संख्या में रहने के लिए विकेन्द्रीकृत करता है। इसका संघर्ष भी भूमिका निभाता है जब यह प्लेट दूसरी प्लेटों से संघर्ष करता है और भूमिकांतक गतिविधियों को उत्पन्न करता है।
3. उत्तरी अमेरिकी प्लेट: यह प्लेट एशिया की महाद्वीपीय प्लेट के संघर्ष क्षेत्र में स्थित है और जापान को भूकंपों के लिए एक और स्रोत प्रदान करता है। इसके संघर्ष क्षेत्र से उत्पन्न तीव्रता एवं अधिक भूकंपों की संभावना को बढ़ाता है।
इन प्लेटों की गतिशीलता जापान में भूकंप की उच्च संभावना को जन्म देती है। जापान में प्रति वर्ष औसतन 1,500 से अधिक भूकंप होते हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे होते हैं और बहुत अधिक क्षति नहीं करते हैं, हालांकि बड़े भूकंप भी हो सकते हैं जो विनाशकारी हो सकते हैं।
2011 में, जापान में 9.0 तीव्रता का भूकंप हुआ, जो देश के इतिहास में सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप से सुनामी भी आई, जिससे हजारों लोगों की मौत हो गई और व्यापक क्षति हुई।
जापान ने इस योजना के तहत भूकंप प्रतिरोधी इमारतों की बढ़ोतरी, भूकंप चेतावनी प्रणाली की मजबूतीकरण, और नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण देने में समर्थ हो गया है। इससे जापान ने आपत्कालीन प्रतिस्थापन की दिशा में एक मजबूत और सुरक्षित राह बनाई है, जो भविष्य में भूमिका निभा सकती है।